कविकुमार
Saturday 12 January 2013
-:( भाव ):-
गजल
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नाव रे
गाव रे
घातला
घाव रे
हा कसा
डाव रे
का असा
भाव रे
तू पुन्हा
धाव रे
ही नको
हाव रे
कविकुमार -
(६।१।१३)
वृत्त : तडित
माञा : ५
लगक्रम : गा ल गा
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